काश मैं कविता होती Sarika Tripathi
काश मैं कविता होती
Sarika Tripathiकाश मैं कविता होती,
सबके मन में रहती, सबके मन का कहती !
काश मैं ज्योति होती,
सबको मार्ग दिखाती, चाहे खुद जलती जाती !
काश मैं आशा होती,
सबके मन में जाती, सबको हिम्मत दिलाती !
काश मैं भाषा होती,
मधुर वचन बन जाती, सबके मन को भाती !
काश मैं हवा होती,
बदल के संग बहती, किसी बंधन में ना रहती !
काश ...