आत्महत्या APOORVA SINGH
आत्महत्या
APOORVA SINGHयह जीवन है एक सौगात
इसे गँवाना नहीं चाहिए,
जो मिला उसमे रहो खुश
आँसू बहाना नहीं चाहिए।
इन पल-पल चलती साँसों को
बेवजह उखाड़ना नहीं चाहिए,
ज़रा-ज़रा सी शिकस्त में
हौसला गिराना नहीं चाहिए।
जो गया बीत वो जाओ भूल
संग ले चलना नहीं चाहिए,
पशु नहीं, मिला जन्म मनुष्य का
ये भूल जाना नहीं चाहिए।
जिसने दिया हक जन्मने का
उसे सताना नहीं चाहिए,
कर तू खुद को बुलंद इतना
हार मानना नहीं चाहिए।
बना ले खुद को अदह का
आग से पिघलना नहीं चाहिए,
रहे वजन शख्सियत में इतना
हवा से उड़ना नहीं चाहिए।
रहे जड़ तेरी मजबूत इतनी
आँधी में झड़ना नहीं चाहिए,
सीख ले उस डगर पे चलना
पाँव फिसलना नहीं चाहिए।
ये ज़िन्दगी तो है एक उपहार
व्यर्थ में जाना नहीं चाहिए,
तुझसे ही है तेरा वजूद
उसे मिटाना नहीं चाहिए।
तू है बहुत मजबूत
टूट के बिखरना नहीं चाहिए,
तू चाहे तो कुछ भी हासिल कर ले
उत्साह गिरना नहीं चाहिए।
हिम्मत पर रख भरोसा अपने
विश्वास उठना नहीं चाहिए,
बोल धावा उस मंज़िल पर
पराजित होना नहीं चाहिए।