माँ - है कौन Sanjay Pandey
माँ - है कौन
Sanjay Pandeyपेट में रख नौ महीने माँ की ममता जो प्यार करे
दुख सह पल-पल आनंद मनाए वह माँ है,
रूप देखन को लाल का तड़पे नौ महीने जो
कभी कृष्णा कभी राम बुलाए वो माँ है।
पेट में रख...............
जब लाल जन्म ले धरती पे आ रोया तो
सीने का खून जो पिलाए वो माँ है,
रात-रात भर जग सेवा करे लाल की जो
अपने हिस्से का निवाला खिलाए वो माँ है।
पेट में रख.................
पहली बार माँ सुन अपने लाल से जो
दुनिया का हर सुख पा जाए वो माँ है,
पहला जो चुम्बन लाल ने दिया माँ के गालों पर,
तो मगन हो धरा पर खुशियाँ लुटाए वो माँ है।
पेट में रख................
पर वही लाल माँ को जो छोड़ देता वृद्धाश्रम में
दुख पाती फिर भी आशीर्वाद लुटाए वो माँ है,
माँ सोचे बार-बार जिऊँ लाल तेरे बिन कैसे
पर वही लाल निष्टुर हो देखन ना जाए वो माँ है।
पेट में रख................
वाह री रचना बनाई प्रभु तूने जो
खुद से भी बढ़कर भगवान बनाई वो माँ है,
संजय सरल सोच हर्षित बार-बार होता,
हूँ आभारी ईश्वर का कि मेरे पास माँ है,
कि मेरे पास माँ है।