मेरा गुरु Yograj Jangir
मेरा गुरु
Yograj Jangirथा कोई ऐसा जिसने मुझे अच्छा व्यक्ति बनाया,
जो मेरे लिये भगवान बनकर था आया।
था कोई ऐसा जिसने मेरी अज्ञानता को दूर भगाया,
जिसने मुझे ज्ञान रुपी सरयू में स्नान करवाया।
था वो ऐसा जिसने विद्यालय में मुझे धमकाया,
पर उसने था मेरा भला ही चाहा।
उसकी महान थी कर्मनिष्ठा,
थी उसकी अनोखी प्रतिष्ठा।
था किया उसने मेरे संसार को शुरु,
कोई और नहीं वो है मेरा गुरु, वो है मेरा गुरु।