वीर सैनिक Yograj Jangir
वीर सैनिक
Yograj Jangirडटे रहे वो, लड़ते रहे वो,
रुके ना गोलियों की मार से,
करते रहे प्रहार वो।
प्रचंड था साहस उनका,
शहादत था श्रृंगार।
अपने बाहुबल से करते रहे वार,
ना रोक सकी उनको
तलवार की तेज धार।
धरा उनकी माँ,
रक्षा उनका कर्म और
शहादत का भविष्य लेकर,
जंग में जीत का लक्ष्य लेकर,
डटे रहे वो, लड़ते रहे वो,
रुके ना गोलियों की मार से।