भारती तेरे लिए बस प्यार आए ANIL Mishra Prahari
भारती तेरे लिए बस प्यार आए
ANIL Mishra Prahariनिज हृदय की भावना के फूल अर्पित
लोचनों की रश्मियाँ तुझको समर्पित,
हर सहज उद्गार में गुणगान तेरा
आचरण में मान प्रतिपल ध्यान तेरा।
धो सकूँ पद आँसुओं की धार आए,
भारती तेरे लिए नित प्यार आए।
प्रेम-पथ पर हम बढ़ें निर्विघ्न जननी
शत्रुता, विद्वेष से निर्मुक्त धरणी,
त्याग, ममता का वरण, सद्भाव, समता,
हो नहीं कोई क्षुधित, जाए विपन्नता।
पा विजय, अवरोध के तू पार आए,
भारती तेरे लिए नित प्यार आए।
जाति-भाषा का न तम उद्दाम छाए
आदमी ही आदमी के काम आए,
हिन्दू-मुस्लिम की दिशा विभक्त न हो
नस्ल पर उबले शिरा में रक्त न हो।
पाशविक-दृग में नहीं अंगार आए,
भारती तेरे लिए बस प्यार आए।
तू जो रक्षित मृत्यु की परवाह कैसी
लुट गए तेरे लिए तो आह कैसी?
बेखबर जो सो रहे उनको जगा दूँ
देशहित की आग सीने में लगा दूँ।
हो सुमंगल जय सदा, न हार आए,
भारती तेरे लिए बस प्यार आए।