उठो भारत Prince Kumar Singh
उठो भारत
Prince Kumar Singhउठो भारत! कब तक बैठोगे
शांतिकुंज की वादियों में,
दुश्मन घर में घुस आए हैं
माँ का दामन हटा रहे हैं।
कब तक मनुष्यता का प्रमाण
तुम कोमलता ही दिखलाओगे,
कब तक अपने अस्तित्व को
यूँ डूबता छोड़ आओगे।
केवल कुछ दिनों के लिए
परशुराम बन दिखलाओ तुम,
भागे दुश्मन प्राण बचाए
ऐसा कोहराम मचाओ तुम।
मर मिट जाओ देश के खातिर,
लेकिन गीदड़ों को उनकी औकात बताओ तुम,
भारत पर आँख दिखाने वालों की
आँख निकाल कर लाओ तुम।
रह ना पाए एक भी गीदड़,
शेर बन दहाड़ो तुम,
हिंद हमारा सबसे प्यारा
इसका मान बढ़ओ तुम,
हे भारत निद्रा त्यागो,
तत्पर होना सीख जाओ तुम।