आलोक श्रीवास्तव

जीवन परिचय

30 दिसंबर 1971 को मध्य प्रदेश के शाजापुर में जन्मे आलोक श्रीवास्तव का बचपन मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक नगर विदिशा में गुज़रा और वहीं से आपने हिंदी में स्नातकोत्तर तक शिक्षा ग्रहण की । दिल्ली से प्रकाशित आपका पहला ग़ज़ल संग्रह ख़ासा चर्चित रहा । पत्रकारिता से जुड़े होने के कारण आपकी प्रतिभा में स्वतः ही एक बारीक़ अन्वेषण की झलक दिखाई देती है । बेहद बारीक़ अहसासात को स्पर्श करती हुई आपकी ग़ज़लियात अपनी संवेदनाओं के लिये जानी जाती हैं । सलीक़े से कही गई कड़वी बातें भी आपकी रचनाधर्मिता की उंगली पकड़ कर अदब की महफ़िल में आ खड़ी होती हैं । जगजीत सिंह और शुभा मुद्गल जैसे फ़नक़ारों ने आपकी ग़ज़लियात को स्वर दिया है। इन दिनों आप दिल्ली में एक समाचार चैनल में कार्यरत हैं। यदि पुरस्कारों की फ़ेहरिस्त बनाई जाए तो ‘अभिनव शब्द शिल्पी सम्मान 2002′; ‘मप्र साहित्य अकादमी का दुष्यंत कुमार पुरस्कार-2007′; ‘भगवशरण चतुर्वेदी सम्मान 2008′; ‘परंपरा ऋतुराज सम्मान-2009′ और ‘विनोबा भावे पत्रकारिता सम्मान-2009′ आपके खाते में अभी तक आते हैं।

लेखन शैली

पत्रकारिता से जुड़े होने के कारण आपकी प्रतिभा में स्वतः ही एक बारीक़ अन्वेषण की झलक दिखाई देती है। बेहद बारीक़ अहसासात को स्पर्श करती हुई आपकी ग़ज़लियात अपनी संवेदनाओं के लिये जानी जाती हैं। सलीक़े से कही गई कड़वी बातें भी आपकी रचनाधर्मिता की उंगली पकड़ कर अदब की महफ़िल में आ खड़ी होती हैं। 

प्रमुख कृतियाँ
क्रम संख्या कविता का नाम रस लिंक
1

सारा बदन हयात की ख़ुशबू से भर गया

शृंगार रस
2

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र

अद्भुत रस
3

रोज़ ख़्वाबों में आ के चल दूँगा

शृंगार रस
4

अपील

शांत रस
  परिचय

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