सागरिका काव्य संकलन
काव्य संकलन के विषय में
"सागरिका" मातृभाषा परिवार के युगमंच रचनाकारों का पाँचवा साझा काव्य संकलन है। एक रचनाकार जब अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोकर काव्य रूप में पाठकों के समक्ष रखता है तो उसका प्रभाव सिर्फ पाठक मन पर ही नहीं अपितु उसकी अंतरात्मा पर भी पड़ता है और पाठक कविता के एक-एक शब्द से स्वयं को जोड़कर देख पाता है, मानो वह शब्द स्वयं पाठक की अंतरात्मा से जन्मे हों। प्रस्तुत काव्य संकलन की रचनाएँ भी एक पाठक की अंतरात्मा की आवाज़ हैं जो इस संकलन में संकलित रचनाकारों की कविताओं में ध्वनित हो रही है। हमें विश्वास है कि आप इन रचनाओं से जुड़ेंगे और हिंदी के प्रचार-प्रसार की इस यात्रा में मातृभाषा परिवार को अपना समर्थन देंगे।