भक्तिकाल की कविताएँ

मुख्य पृष्ठ / काव्यशाला / भक्तिकाल

हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की कालजयी कविताओं का संकलन



संतन को कहा सीकरी सों काम

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

भक्त इच्छा पूरन श्री यमुने जु करता ।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

बादल देख डरी

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

रहीम दोहावली

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

पृथ्वीराज रासो

चंदबरदाई

वीर रस | भक्तिकाल

अति अनियारे मानौ सान दै सुधारे

रहीम

करुण रस | भक्तिकाल

जाति हुती सखी गोहन में

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

मैं केहि कहौ बिपति अति भारी

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

मैं हरि, पतित पावन सुने

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

सुन मन मूढ सिखावन मेरो

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

पुतरी अतुरीन कहूँ मिलि कै लगि

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

तुम बिन नैण दुखारा 

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

नैना निपट बंकट छबि अटके

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

केशव, कहि न जाइ का कहिये

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

हरि तुम हरो जन की भीर

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

हे हरि! कवन जतन भ्रम भागै

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

आई ऋतु चहूँदिस

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

हरि तुम हरो जन की भीर

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

सीतल सदन में सीतल भोजन भयौ,

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

नागमती वियोग खंड 

मलिक मोहम्मद जायसी

शृंगार रस | भक्तिकाल

मोहिबो निछोहिबो सनेह में तो नयो नाहिं

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

बरवै भक्तिपरक

रहीम

शांत रस | भक्तिकाल

लोक-लाज तजि नाची

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

राखौ कृपा निधान

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

पदावली

नामदेव

शांत रस | भक्तिकाल

मैं बैरागण हूंगी

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

प्रीति करि काहु सुख न लह्यो

सूरदास

शृंगार रस | भक्तिकाल

साँझ के साँचे बोल तिहारे।

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

श्री यमुने पर तन मन धन प्राण वारो ।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

लाज न आवत दास कहावत

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

चितवौ जी मोरी ओर

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

बरवै नायिका-भेद

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

कुछ छंद

चंदबरदाई

रौद्र रस | भक्तिकाल

आय मिलौ मोहि

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

मन रे पासि हरि के चरन

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

देव! दूसरो कौन दीनको दयालु

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

सैसव जौवन दुहु मिल गेल

विद्यापति

अद्भुत रस | भक्तिकाल

दूल्ह राम

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

आदरें अधिक काज नहि बंध

विद्यापति

अद्भुत रस | भक्तिकाल

तोसों लाग्यो नेह रे प्यारे

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

कौन धौं सीखि ’रहीम’ इहाँ

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

मेरो मन हरिजू! हठ न तजै

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

भाव भगति है जाकें

सूरदास

शृंगार रस | भक्तिकाल

हमारो दान देहो गुजरेटी।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

मोरे ललन

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

दूसरो न कोई

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

पद्मावती

चंदबरदाई

वीर रस | भक्तिकाल

बसो मोरे नैनन में नंदलाल

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

तुम नीके दुहि जानत गैया.

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

श्रंगार-सोरठा

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

हरि! तुम बहुत अनुग्रह किन्हों

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

प्रभु जी तुम दर्शन बिन

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

बरसै बदरिया सावन की

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

यह बिनती रहुबीर गुसाईं

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

माधव, मोह-पास क्यों छूटै

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

विद्यापति के दोहे

विद्यापति

शांत रस | भक्तिकाल

और काहि माँगिये, को मागिबो निवारै

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

उत्तम जाति है बाह्मनी

रहीम

अद्भुत रस | भक्तिकाल

म्हारो अरजी

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

कल नाहिं पड़त जिस

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

पग घूँघरू बाँध मीरा नाची रे

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

मदनाष्टक

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

धनुर्धर राम

तुलसीदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

षटपदी

विद्यापति

अद्भुत रस | भक्तिकाल

हेरी म्हा दरद दिवाणौ

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

दूखण लागे नैन

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

श्री यमुने अगनित गुन गिने न जाई ।

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

ससन-परस रबसु अस्बर रे देखल धनि देह

विद्यापति

अद्भुत रस | भक्तिकाल

जिहि कारन बार न लाये कछू

रहीम

अद्भुत रस | भक्तिकाल

माई हौं गिरधरन के गुन गाऊँ।

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

कितै दिन ह्वै जु गए बिनु देखे।

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

तन तेज तरनि ज्यों घनह ओप

चंदबरदाई

वीर रस | भक्तिकाल

श्याम मोसूँ ऐंडो डोलै हो

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

प्रन्म्म प्रथम मम आदि देव 

चंदबरदाई

वीर रस | भक्तिकाल

छबि आवन मोहनलाल की

रहीम

शांत रस | भक्तिकाल

दीन चहैं करतार जिन्हें सुख

रहीम

अद्भुत रस | भक्तिकाल

बैठे लाल फूलन के चौवारे ।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

गाय सब गोवर्धन तें आईं।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

श्री यमुने रस खान को शीश नांऊ।

कुम्भनदास

शांत रस | भक्तिकाल

कमल-दल नैननि की उनमानि

रहीम

शृंगार रस | भक्तिकाल

नगर-शोभा 

रहीम

शांत रस | भक्तिकाल

प्राण अधार

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

पट चाहे तन, पेट चाहत छदन, मन

रहीम

अद्भुत रस | भक्तिकाल

नहिं भावै थांरो देसड़लो जी रंगरूड़ो

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

कोई कहियौ रे प्रभु आवन की

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

कहा करौं वह मूरति जिय ते न टरई।

कुम्भनदास

अद्भुत रस | भक्तिकाल

मोती मूँगे उतार बनमाला पोई

मीराबाई

शृंगार रस | भक्तिकाल

मेरो मन अनत कहाँ सुख पावै

सूरदास

शृंगार रस | भक्तिकाल

बड़ेन सों जान पहिचान कै रहीम काह

रहीम

अद्भुत रस | भक्तिकाल



  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com