बोधा

जीवन परिचय

बोधा का मूल नाम बुध्दिसेन था। ये बाँदा जिले के राजापुर ग्राम के निवासी थे तथा जाति के ब्राह्मण थे। इन्होंने पन्ना राज्य के दरबार में प्रतिष्ठा पाई थी। कहते हैं दरबार की 'सुभान' नामक नर्तकी से इन्हें प्रेम हो गया था तथा वही इनके काव्य की मूल प्रेरणा बनी। इनके दो ग्रंथ मिलते हैं- 'इश्कनामा' तथा 'विरह-वारीश'। 'इश्कनामा' प्रेम की पीर में डूबे हुए स्फुट छंदों का संग्रह है, 'विरह-वारीश' माधवानल-काम-कंदला की सुप्रसिध्द प्रेम कथा है। इनके काव्य में प्रेममार्गी भाव तत्व की प्रधानता है।

लेखन शैली

इनके दो ग्रंथ मिलते हैं- 'इश्कनामा' तथा 'विरह-वारीश'। 'इश्कनामा' प्रेम की पीर में डूबे हुए स्फुट छंदों का संग्रह है, 'विरह-वारीश' माधवानल-काम-कंदला की सुप्रसिध्द प्रेम कथा है। इनके काव्य में प्रेममार्गी भाव तत्व की प्रधानता है।

प्रमुख कृतियाँ

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