चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी'
हिंदी के प्रमुख रचनाकार पंडित चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' का जन्म 7 जुलाई, 1883 को पुरानी बस्ती जयपुर में हुआ था । गुलेरी जी अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे। आप संस्कृत, पाली, प्राकृत, हिंदी, बांग्ला, अँग्रेज़ी, लैटिन और फ्रैंच आदि भाषाओं पर एकाधिकार रखते थे । गुलेरी जी जब केवल दस वर्ष के थे तो एक बार आपने संस्कृत में भाषण देकर भारत धर्म महामंडल के विद्वानों को आश्चर्य चकित कर दिया था । आपने सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की । बी.ए. की परीक्षा में भी सर्वप्रथम रहे ।आपकी रुचि विज्ञान में थी, प्राचीन इतिहास और पुरातत्व आपका प्रिय विषय था ।
1904 से 1922 तक आपने अनेक महत्वपूर्ण संस्थानों में प्राध्यापक के पद पर कार्य किया ।
चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी के लेखन में निम्नलिखित विशेषताएँ थीं -
- समाज का यथार्थ चित्रण ।
- वर्जनात्मक, चित्रात्मक, विवरणात्मक
- शैलियों का प्रयोग
- आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग
- सजीव दृश्य चित्रण शैली।
परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
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