घनानंद

जीवन परिचय

घनानन्द के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण तथ्य विवादास्पद हैं । जैसे नाम, जन्म-स्थान, रचनाएँ, जन्म-तिथि इत्यादि । इनकी जन्म-तिथि के संबंध में भी विद्वानों की विभिन्न मान्यताएँ हैं । लाला भगवानदीन ने घनानन्द का जन्म संवत् 1715 माना है, परंतु शुक्ल जी ने इस जन्म सवंत को न मानकर सं, 1746 में इनका जन्म माना है । इसी प्रकार अन्य आलोचकों ने इनकी जन्म-तिथि के विषय में अपने मत दिए हैं, परंतु इनकी जन्म-तिथि का अभी तक कुछ पता नहीं चला है- केवल सवंत के विषय में विवाद है । अतः हम केवल जन्म के सवंत के विषय में ही लिख सकते हैं - जन्म-तिथि अतीत के अंधकार में पूर्णतः लुप्त हो चुकी है। विभिन्न आलोचकों के मतों की आलोचना करने के पश्चात् डॉ. मनोहरलाल गौड़ ने अपनी पुस्तक ‘घनानन्द और स्वच्छंद काव्यधारा’ में लिखा है- ‘सम्वत् 1730 में इनका जन्म मान लेने पर दीक्षा के समय ये 26 या 29 वर्ष के होते हैं, जो इनके जीवन-वृत्त को देखकर ठीक प्रतीत होता है।

लेखन शैली

अपने व्यक्तित्व की भांति ही घनानन्द का कृतित्व भी रीतिकालीन अन्य कवियों की अपेक्षा अधिक व्यापक और गहरी भावभूमि पर प्रतिष्ठित है।

प्रमुख कृतियाँ
क्रम संख्या कविता का नाम रस लिंक
1

जासों प्रीति ताहि निठुराई

शृंगार रस
2

लाजनि लपेटि चितवनि

शृंगार रस
3

भोर तें साँझ लौ कानन ओर निहारति 

शृंगार रस
4

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै

शृंगार रस
5

छवि को सदन मोद मंडित

शृंगार रस
6

झलकै अति सुन्दर आनन गौर

शृंगार रस
  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com