केदारनाथ सिंह

जीवन परिचय

केदारनाथ सिंह जी का जन्म 1934 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के चकिया गाँव में हुआ था। आपने बनारस विश्वविद्यालय से 1956 में हिन्दी में एम.ए और 1964 से पी.एच डी की। आपने कई कालेजों में पढ़ाया और अन्त में जे. एन. यू में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद से रिटायर्ड हुए। आपने कविता व गद्य की अनेक पुस्तकें रची हैं और अनेक सम्माननीय सम्मानों से सम्मानित हुए। आप समकालीन कविता के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। आपकी कविता में गाँव व शहर का द्वन्द्व साफ नजर आता है। बाघ आपकी प्रमुख लम्बी कविता है, जो मील का पत्थर मानी जा सकती है।दिल्ली की हिंदी अकादमी का दो लाख का सर्वोच्च शलाका सम्मान ठुकराया (2010)।

लेखन शैली

आपकी कविता में गाँव व शहर का द्वन्द्व साफ नजर आता है। बाघ आपकी प्रमुख लम्बी कविता है, जो मील का पत्थर मानी जा सकती है।

प्रमुख कृतियाँ
क्रम संख्या कविता का नाम रस लिंक
1

तुम आयीं

शृंगार रस
2

दुपहरिया

शांत रस
3

शहरबदल

शांत रस
4

शाम बेच दी है

अद्भुत रस
5

मुक्ति

शांत रस
6

नदी 

शांत रस
7

जब वर्षा शुरु होती है

अद्भुत रस
8

फागुन का गीत

शांत रस
9

पानी में घिरे हुए लोग

शांत रस
10

प्रक्रिया

शांत रस
11

खोल दूं यह आज का दिन

शांत रस
12

मेरी भाषा के लोग

शांत रस
13

बुनाई का गीत

शांत रस
14

विद्रोह

अद्भुत रस
15

दाने

शांत रस
16

फसल

अद्भुत रस
17

सन् ४७ को याद करते हुए

करुण रस
18

हक दो

शांत रस
19

बनारस

शांत रस
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