महावीर प्रसाद द्विवेदी

जीवन परिचय

हिन्दी के महान लेखक व पत्रकार महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का जन्म रायबरेली जिले के दौलतपुर गाँव में सन १९२१ में हुआ था। इनके पिता का नाम पं. रामसहाय दुबे था। ये कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। धनाभाव के कारण इनकी शिक्षा का क्रम अधिक समय तक न चल सका। इन्हें जी आई पी रेलवे में नौकरी मिल गई। इन्होंने बड़ी लगन और परिश्रम से काम किया तथा उन्नति करते-करते एक महत्वपूर्ण पद पर पहुँच गए। किंतु स्वाभिमान के कारण इन्हें अपनी नौकरी से इस्तीफ़ा देना पड़ा। नौकरी के साथ-साथ द्विवेदी जी अध्ययन में भी जुटे रहे और हिंदी के अतिरिक्त मराठी, गुजराती, संस्कृत आदि का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया। सन १९५६ में द्विवेदी जी ने सरस्वती मासिक पत्रिका के संपादन का कार्यभार सँभाला और उसे सत्रह वर्ष तक कुशलतापूर्वक निभाया। संपादन-कार्य से अवकाश प्राप्त कर द्विवेदी जी अपने गाँव चले आए। और वही सन १९९५ में इनका स्वर्गवास हो गया।

लेखन शैली

द्विवेदी जी ने विस्तृत रूप में साहित्य रचना की। इनके छोटे-बड़े ग्रंथों की संख्या कुल मिलाकर ८१ है। पद्य के मौलिक-ग्रंथों में काव्य-मंजूषा, कविता कलाप, देवी-स्तुति, शतक आदि प्रमुख है। गंगा लहरी, ॠतु तरंगिणी, कुमार संभव सार आदि इनके अनूदित पद्य-ग्रंथ हैं। पद्य के मौलिक ग्रंथों में तरुणोपदेश नैषध चरित्र चर्चा, हिंदी कालीदास की समालोचना, नाटय शास्त्र, हिंदी भाषा की उत्पत्ति, कालीदास की निरंकुशता आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। अनुवादों में वेकन विंचार, रत्नावली, हिंदी महाभारत वेणी संसार आदि प्रमुख हैं।

प्रमुख कृतियाँ

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