चहचही चुभकैँ चुभी हैँ चौँक पद्माकर
चहचही चुभकैँ चुभी हैँ चौँक
पद्माकर | शृंगार रस | रीतिकालचहचही चुभकैँ चुभी हैँ चौँक चुँबन की ,
लहलही लांबी लहैँ लटकी सुलँक पर ।
कहै पदमाकर मजान मरगजी मँजु ,
मसकी सुआँगी है उरोजन के अँक पर ।
सोइ सरसार योँ सुगँधन समोइ सेज ,
सीतल सलोने लोने बदन मयँक पर ।
किन्नरी नरी है कि परी है छविदार परी ,
टूटि सी परी है कि परी है परयँक पर ।
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परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
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