उत्तम जाति है बाह्मनी रहीम
उत्तम जाति है बाह्मनी
रहीम | अद्भुत रस | भक्तिकालउत्तम जाति है बाह्मनी, देखत चित्त लुभाय।
परम पाप पल में हरत, परसत वाके पाय
रूपरंग रतिराज में, छतरानी इतरान।
मानौ रची बिरंचि पचि, कुसुम कनक में सान
बनियाइनि बनि आइकै, बैठि रूप की हाट।
पेम पेक तन हेरिकै, गरुवै टारति बाट
गरब तराजू करति चख, भौंह मोरि मुसकाति।
डाँड़ी मारति बिरह की, चित चिंता घटि जाति
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परिचय
"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।
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