एक सच है रब बाकी झूठ है सब !
एक सच है रब बाकी झूठ है सब !
जिस सब के पीछे भागते हैं हम सब
अपना अपना कहकर पुकारते हैं हम सब
झूठ है सब झूठ है सब
एक सच है रब बाकी झूठ है सब !
हरि की कृपा से जन्म लेते हैं हम सब क्या मां बाप की कदर करते हैं हम सब
हरि से भी पहले मां बाप हैं हमारा सब
फिर क्यों नहीं अर्पित करते हैं उन पर हम सब
एक सच है रब बाकी झूठ है सब !
बच्चे ही होते हैं मां-बाप की पूजा का फल
फिर बच्चे क्यों बदल जाते हैं सब
बेटे बेटियों को पालते हैं मां बाप एक बराबर सब
फिर बेटे क्यों मुख्य मोड ते हैं मां-बाप से अभिप्राय कर देते हैं तब
जब जीवन में थक जाते हैं वह सब
बेगाने लगने लगते हैं उन्हें मां बाप
कर्तव्य निभाते हुए मुख से यही कहना
“सच है रब बाकी झूठ है सब "