माँ ही रब है
जब जोडती है माँ रब के सामने हाथ
तो मांगती है बच्चो के लिए एक ही मुराद
मेरे बच्चो की करना तुम हिफाज़त
चाहे तुम लेलो मेरी जान
रब भी झुक जाते है माँ के सामने
वह जानते है माँ है दुर्गा माँ है काली सरस्वती लक्ष्मी है माँ
वो भी झुकाते है सर अपना
करते है हर माँ को प्रणाम
माँ वह शक्ति है
जो बच्चो के लिए दुनिया से लड़ जाती है
वक्त आने पर तो खुद को भी
दाऊ में लगा देती है
सब कहते है रब की बनाई किस्मत
हाथो की लकीर कोई बदल नहीं सकता
जिस बच्चे के सर पे माँ का हाथ हो
लाख बुरा चाहे कोई उसका कर नहीं सकता
अगर करते हो तुम अपनी माँ को प्रणाम
तो नहीं जरुरत पूजा यज्ञ करने की
क्यूंकी कहते है रब भी
माँ को प्रणाम करने से बड़ा कोई रब नहीं