माँ का आँचल
यह आखें थक चुकी है माँ
दुनिया की भीड़ देखकर
सोना चाहती हुँ माँ
तेरी गोदी में सर रखकर
कहते है हर खुशी है दुनिया में
पर मेरी खुशी तुम हो माँ
ना चाहत इस दुनिया की माँ मुझे
मेरी चाहत तो तुम हो माँ
आँचल में ले तू माँ मुझे
डर लगता है अँधेरे से
तेरे आँचल में आकर ही माँ
अँधेरा भी बदल जाता है रौशनी में
हम पकड़कर ऊँगली तेरी
तुझमे ही सिमट जाते है
हमारी खुशी में तो माँ
तेरी ज़िन्दगी ही सिमट जाती है
अपने बच्चो की खुशी के लिए
दुनिया से लड़ जाती है
नहीं करती परवाह अपनों की भी
जब बात बच्चो की आती है