अद्भुत हो तुम भारत की नारी
अद्भुत हो तुम भारत की नारी
जन्म-जन्म की तुम रखवारी
बन कल्पना उड़ कर नभ में
चंदा को छू जाती हो
और तारिणी की सखियां बन तुम
लांग समुंदर जाती हो – अद्भुत हो ...
बन वीरांगना तुम झाँसी की रानी,
पन्नाधाय सी बलिदानों हो
और अपनी आन बचाने वाली, तुम
जौहर की एक कहानी हो – अद्भुत हो ...
सिन्धु, साक्षी, सायना और दीपा
तेरे नाम अनेको है,
उन नामो में सबसे बढ़कर
“माँ-बेटी” नाम तुम्हारे है – अद्भुत हो ...
पी.टी. उषा सी तुम उड़नपरी तुम
मैरी कोम सी माया हो
और स्वर सम्राज्ञी लता जो बन
तुम गगन लोक का तारा हो – अद्भुत हो ...
कठिनाइयों से डट कर तुम
गीता फोगट – बन पाई हो
दूर द्रष्टि और दृढ़ शक्ति से तुम
इंदिरा गाँधी कहलाई हो ...
ऊँचे-ऊँचे कदम बढाकर
हिमालय को तुमने नाप लिया
और पाल बच्चेंदरी बनकर तुमने
एवरेष्ट पर तिरंगा गाड़ दिया |
नारी की बात निराली
वो अदम्य साहस की निशानी है
और आज निखरती यह भारत की नारी
हर हक़ की वो अधिकारी है |
नारी को कम ना आंको तुम
नारी ही नर का दर्पण है
और “प्रेम” रूपी इस दर्पण में
जीवन का अमिट समर्पण है |
माँ, बेटी, बहु, बहन रूप में
हर नारी का सम्मान करो
और नारी बिना न जीवन संभव
इस जीवन पर अभिमान करो – नारी शक्ति का सम्मान करो |