हाल-ए-मां बाप

ना रूतब़ा ना दौलत के भूखे हैं,
तुम्हारी परव़रिश करने में सूखे हैं!
हम हैं आपके लाचार मां बाप-
बस थोडा सा हमें प्यार करदो!
 

प्यार ना सही, ज़रा दिखावा करदो,
ड़ाट डपट के थोडा पछतावा करदो!
बात रह जाएगी जिन्द़गी काटने को,
झूठा ही सही मगर इज़हार करदो!
थोड़ा सा बस हमें - - -
 

चुप रहेगें, कभी भी नहीं बोलेगें हम,
कहने से पहले अलबत्ता तोलेगें हम!
बेशक ना पूंछो तुम हाले-दिल हमारा,
ज़माने के सामने ज़रा इक़रार करदो!
थोड़ा सा बस हमें - - -
 

दिल नहीं, तो घर का एक कोना देदो,
अश्कों को किसी तरह से रोना देदो!
साथ मिल जाएगा हमें एक दूसरे का,
आख़िरी ख्वाहिश में ये शुमार करदो!
थोड़ा सा बस हमें - - -
 

वख्त से यूं ज़ोर आज़माईश ना करो,
तुम्हारा बोझ इन कन्धों ने उठाया है!
इन्साल्लाह तुम भी तो मां बाप बनोगे,
खुद़ा खैर करे महज़ ये गुहार करदो!
थोड़ा सा बस हमें - - -

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