तेरे मेरे सपने Vimal Kant Pandey
तेरे मेरे सपने
Vimal Kant Pandeyहसऱतो के नीले आसमाँ में
सतरंगी सपने,
कुछ तेरे हैं कुछ मेरे हैं…….
हौसलों की सूखी डालियों पे
रंग-बिरंगे फूल खिले,
कुछ तेरे हैं कुछ मेरे हैं……..
चल पड़े हैं थामे हाथ एक दूजे का
नई राह पे, कदम डगमग
कुछ तेरे हैं कुछ मेरे हैं…