तेरी याद Vimal Kant Pandey
तेरी याद
Vimal Kant Pandeyचले गये कितने
संगी कितने यार
बीत गये
कितने पतझर
कितने बहार
पर तू है
साथ मेरे हरदम
बिन बोले,
बिन कुछ माँगे निस्वार्थ
सायो ने भी
जब रूख मोड़ लिया
अपनो ने भी
जब मुँह मोड़ लिया
थामा है तूने हाथ मेरा
बिन बोले,
बिन कुछ माँगे निस्वार्थ
भीड़ हो या तनहाई
खुशी हो या
ग़म की परछाई
तू है साथ
मेरे हरदम
बिन बोले,
बिन कुछ माँगे निस्वार्थ