ये दुआ करना Sahil Verma
ये दुआ करना
Sahil Vermaये दुआ करना
महरूम हैं सूरज की रोशनी से जो
अँधियारों से निकल आयें
सहम कर खौफजदा दुबके बैठे हैं जो
निडर बन बेखौफ हो जाएँ
ये दुआ करना
भूखे पेट मेहनत कर दूसरों को खिलाते हैं
दो वक्त की रोटी जुटा पाएँ
किसी के रहमोकरम पे जी रहे हैं जो
आत्मनिर्भर बन जाएँ
ये दुआ करना
ऊंचे ओहदों पे बैठकर जुल्म ढा रहे हैं जो कर्तव्यनिर्वहन सीख जाएँ
कठपुतली बन इशारों पे नाच रहें हैं जो
गिरफ्त से आज़ाद हो जाएँ
ये दुआ करना
दलित-ब्राह्मण, हिन्दू-मुस्लिम कह कर
जाति-धर्म के नाम पर लड़-झगड़ रहे है जो मज़हब कोई नहीं सब इंसान हैं
इससे वाकिफ हो जाएँ
ये दुआ करना
किसी महत्वाकांक्षा में भ्रूण हत्या कर रहे हैं जो बेटियों का महत्व समझ पाएँ
ये दुआ करना।