चेतावनी  Vivek Tariyal

चेतावनी

Vivek Tariyal

रात की हो कालिमा या दिन का हो अँधेरा,
लोगों की कुंठित सोच ने हर क्षण तुझे है घेरा।


काल को निमंत्रण दे रहे ये अधर्मी, नीच, पापी,
तुझ संग ऐसा करते जिनकी रूह तक न काँपी।
 

कदाचित, यह जानते नहीं, कि तू परम शक्तिमान है,
असीम शक्ति का केंद्र है तू, सृजन का तुझे वरदान है।
 

जहाँ तुझमे कोमलता है, रूप और श्रृंगार है,
वहीं तुझमे धैर्य के संग, सृजन और संहार है।
 

अपने झूठे पौरुष पर कब तक यूँ इठलाएगा ?
घर जाकर अपनी जननी को कैसे मुँह दिखाएगा?
 

क्या बोलेगा उससे, कैसा नाम कमाकर आया है?
उसके दिए संस्कारों की बलि चढ़ा कर लाया है ?
 

अरे मूर्ख! मत दे चुनौती उसे, जो है धैर्य की प्रतिमा जीवंत,
उसके भीतर बसती है माँ चंडी जो कर देगी तेरा अंत।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
1625
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com