मक़सद शशांक दुबे
मक़सद
शशांक दुबेआज़ाद विचारों का था वह
आज़ादी जिसका मक़सद था
आज़ाद जिया,आज़ाद मरा
आज़ाद रहा, जो हरदम था।
स्वर्ग में बैठा, खीज़ रहा अब
"नए आज़ादी" के, मतलब से
भारत माता के टुकड़े न हों
व्याकुल है,अब इस मक़सद से।
आज़ादी दिलाई, अंग्रेजों से
जयचंदों को भी बर्बाद करो
भारत माँ को, फिर धन्य करो
अब इनसे भी आज़ाद करो।