आज़ादी का दिन आया शशांक दुबे
आज़ादी का दिन आया
शशांक दुबेगुंजित हैं हर ओर तराने,
निकल पड़े चहुँ ओर दीवाने,
सब दूर तिरंगा छाया,
आज़ादी का दिन आया।
कुर्बानियाँ याद दिलाने,
वीरता का अहसास कराने,
शुभ मंगल-दिन है पाया,
आज़ादी का दिन आया।
आओ करें राष्ट्र आराधन,
राष्ट्र से ही हैं सब साधन,
सर्वस्व यहीं है पाया,
आज़ादी का दिन आया।