अमर जवान DEVESH SHUKLA
अमर जवान
DEVESH SHUKLAइस देश की मिट्टी में है जो खुशबू
बहुतों ने मिलकर बोया था।
क़ुरबानी देते न सोचा वो
न वो माना हार, न ही कभी रोया था।
जब तक न मिली जीत उसे, तब तक वो न सोया था।
लगे थे दाग जो देश पर,
उसने उन्हें लहू से धोया था।
वो तो हुआ शहीद महान
न जाने उसे कितनों ने खोया था।