ऐ खुदा DEVESH SHUKLA
ऐ खुदा
DEVESH SHUKLAऐ खुदा तू बता, कब तेरे से मिलूँ,
मरुँ आज, कि कल तक तेरी आस में जियूँ।
होऊँ नाकाम चाहे हज़ार बार,
कि कल तुझे जीत जाने के लिये जियूँ।
आज रात भर रहूँ जगा,
कि कल तुझे चैन से सुलाने के लिए जियूँ।
रुक जाऊँ ज़िन्दगी के सफर में,
कि कल तुझे जीत पाने के लिए जियूँ।
कितना खा लूँ आज मैं खुद को तेरी याद में,
कि कल तुझे भूल जाने के लिए पियूँ।
बेच दूँ अपने आप को आज तेरे आगे,
कि कल तुझे खरीद जाने के लिए जियूँ।