परिवार  Pulkit Jain

परिवार

Pulkit Jain

जिसने रिश्ता निभाया वो परिवार है,
जिसने जीना सिखाया वो परिवार है,
खुशियों में तो सभी साथ आए मगर
दुःख में जो साथ आया वो परिवार है।
 

अंधकारों में जिसने सहारा दिया,
बीच लहरों में जिसने किनारा दिया,
रौशनी की तो बातें सभी ने ही की
जिसने दीपक जलाया वो परिवार है।
 

साँसे चलती रहीं आखिरी हो गई,
मौत जब ज़िन्दगी से बड़ी हो गई,
पीछे-पीछे तो हर कोई चलता रहा
जिसने कंधा लगाया वो परिवार है।

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