मातु शारदे वर दे शशांक दुबे
मातु शारदे वर दे
शशांक दुबेमातु शारदे
वर दे।
धवल पुष्प विराजनी
रजत वस्त्र धारणी
समस्त वरदायिनी
माँ वीणा पाणिनी।
ज्ञान-विज्ञान-संस्कार
जीवन में भर दे
मातु शारदे
वर दे।
मुनिजन, गुणीजन
मन में है ध्यावे
तुमसे ही संसार
सदा ज्ञान पावे।
अज्ञान-तम-अँधेरा
जीवन से हर दे
मातु शारदे
वर दे।
अक्षर सुरों की
तुम्ही माँ हो दायक
कृपा बिन तुम्हारी
न लेखक न गायक।
अक्षर-सुर-कला को
झोली में भर दे
मातु शारदे
वर दे।