हमसफर Anamika Sunda
हमसफर
Anamika Sundaजरूरी नहीं कि आँख से गिरे हर आँसू को मिला एक कंधे का सहारा हो,
आँखों में बसा हर दम, हर पल, हर ख्वाब हमारा हो,
उठ कर चलने को हुए सफर में, तो राहें बहुत मिली हैं,
मगर किसी राह पे,
आँखों में बसी रोशनियाँ, सच बन सामने झूमे,
दिखने को मिला ऐसा एक नजारा हो,
दिल अपनी ही तन्हाईयों में गुम है, चाहे वो हमारा या तुम्हारा हो,
ये जिंदगी कुछ और दे या ना दे, एक सच्चा हमसफर पाने का तो,
हक हमारा हो।