इतनी देर Rajat Sharma
इतनी देर
Rajat Sharmaइतनी देर से मुझे ऐसे तकते हो क्या,
जो सुनने का इंतज़ार है कह नहीं सकते हो क्या?
मेरी फुरक़त ने तुम्हें पागल कर दिया है,
ना जाने अपनी ग़ज़लों मे मेरे लिए लिखते हो क्या?
तुम्हारी तबीयत का तो पता नहीं मुझे,
लेकिन आज भी मुझे सपनों में पाकर सुबह बिछड़ते हो क्या?
आज भी तुमसे मुझसे नज़रें मिलाई नहीं जाती,
फिर से मोहब्बत हो जाएगी, डरते हो क्या?
अब तुमने मेरे प्यार में अपनी इज़्ज़त खोनी बंद कर दी है,
अरे क्या हुआ किसी और पे मरते हो क्या?
ये मेरी उन्हीं अदाओं का जादू क्यों नहीं चलता तुम पर,
अब दिल का दरवाज़ा बंद रखते हो क्या?
मेरे इश्क़ के अलावा कुछ किया भी तो नहीं तुमने,
अब तो वो भी नहीं करते तो करते हो क्या?