पिता Vishwas Jindal
पिता
Vishwas Jindalबहुत दिनों से सोच रहा था, इनके बारे मे कुछ कहूँ,
बस शब्दों को संजोने मे, थोड़ा समय लग गया।
कई कठिनाइयों का सामना कर,
चेहरे पे एक शिकन की रेखा लाए बगैर,
बिन माँगे भी किसी की अपक्षाएँ
पूरी करता है ये इंसान।
कहने को तो इनकी भी कुछ ज़रूरतें हैं,
कहने को तो इनकी भी कुछ आशाएँ हैं,
अपने बच्चों की खुशी में खुशी,
और उनकी प्रगति में अपनी आकाँक्षाएँ ढूंढता है ये इंसान।
खुद चाहे कितनी भी
समस्याओं से जूझ रहे हों
पर अपने बच्चों की आंखों से
एक आँसू नहीं झलकने देता ये इंसान।
सर पे रख दे ये हाथ तुम्हारे,
ना जाने तुम कितनी जंग जीत जाओगे,
जब भी किसी मुसीबत में हो,
तुम इस इंसान का ही साथ पाओगे।
अपना दिल उतार के भी रख दूँ,
तो भी कम पड़ जाए इनके सम्मान में,
मेरे जीने का सहारा हैं ये,
और मुझे एक अस्तित्व देता है ये इंसान।