दोस्ती VIKAS UPAMANYU
दोस्ती
VIKAS UPAMANYUजीवन के हर मौसम का श्रृंगार, एहसास ऐ-यार दोस्ती,
हो कोई भी गम चाहे, हर मर्ज की दवा है यार दोस्ती।
सुनो, कोई सपना नहीं हकिक़त है यार दोस्ती,
ये कोई वक्त नहीं जो पूरा हो जाए,
मेरा तो हर रस्मो-रिवाज़ है यार दोस्ती।
मिल जाते हैं कब दिल से दिल, ऐसी है यार दोस्ती,
कब कोई अजनबी भी अपना हो जाता है,
बंधन ऐसा जुड़ जाता है, ऐसी है यार दोस्ती।
भर आता है एहसास ऐ-दिल, जब याद करते हैं यार दोस्ती,
अब मिलने को दिल तरस जाता है,
जिया करते थे जिनके साथ यार दोस्ती।
जो ग़मों को बाँट ले मुश्किलों में साथ दे, ऐसी है यार दोस्ती,
देखकर जिन्हें सपने में भी मुस्कुरा दें ये नैना,
यही तो है एहसास ऐ-यार दोस्ती।
मेरा तो हर जज्बात है यार दोस्ती,
बिना शब्दों के लफ्ज़, दो दिलों कि एक धड़कन,
यही तो है जन्नत ऐ-यार दोस्ती।
नदी में बहता जल, नब्ज में बहता रक्त है यार दोस्ती,
कोई चाहे समझे या न समझे,
है मेरी तो रियासत ऐ-यार दोस्ती।
जख्मों का मरहम है यार दोस्ती,
पूनम का चाँद, मुश्किलों का साथ,
है मेरी हर तमन्ना यार दोस्ती।
जीवन के हर मौसम का श्रृंगार, एहसास ऐ-यार दोस्ती,
हो कोई भी गम चाहे, हर मर्ज कि दवा है यार दोस्ती।