मेरा हिन्दुस्तान  बिजेंद्र दलपति

मेरा हिन्दुस्तान

बिजेंद्र दलपति

फरियाद करुँ किससे?
कौन है यहाँ मेहरबान?
बेईमानी की गद्दी पर,
सोया है मेरा हिन्दुस्तान।
 

दिलों दिमाग पर छाई है धुन,
तस्करी, मिलावट, घूसखोरी,
चलती है लड़ाई कुर्सी के लिए,
दिन-रात लूट और हेरा-फेरी।
 

आज पवित्र मंदिर भी,
बन गया है कब्रिस्तान,
बेईमानी की गद्दी पर,
सोया है मेरा हिन्दुस्तान।
 

राष्ट्र तो रह गया है पीछे,
बढ़ रही जन दर दिन रात,
बेईमानों की लड़ाई में,
ईमान खा रहा है मात।
 

आज जो ऊँचे शिखर पर खड़े हैं,
वे भी हैं सारे बेईमान,
बेईमानी की गद्दी पर,
सोया है मेरा हिन्दुस्तान।
 

हम हैं इस राष्ट्र के भविष्य,
नींद से इसे जगाना है,
हिन्दुस्तान के आँचल में लगे,
सारे दाग मिटाना है।
 

जल्दी जागो मेरे देश के वीरों,
वरना हो जाएगा सब राम नाम,
क्योँकि बेईमानी की गद्दी पर,
सोया है मेरा हिन्दुस्तान।

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