समय, नीयत और मेहनत Harsh Trivedi
समय, नीयत और मेहनत
Harsh Trivediबलवान शेर भी ज़मीन पर ढ़ेर हुए हैं,
वक़्त के आगे मुँह सबके बंद हुए हैं।
क़ब्रिस्तान में भी खाली हाथ गढ़े हैं,
श्मशान में भी हाथ खाली जले हैं।
कर्म अच्छे कर तेरा बोया बीज तुझे मीठे फ़ल लौटाएगा,
इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराएगा,
वक़्त खुद तुझे तेरा मुकदद्ऱ लौटाएगा।
नीयत साफ रख ख़ुदा भी रहमत बरसाएगा,
तेरी मेहनत से तू खुद तेरा मुस्तक़बिल बनाएगा।
तेरा मुस्तक़बिल ही तुझे क़ामयाबी की सीढ़ी चढ़ाएगा,
वक़्त का ताज ही तुझे सिकन्दर बनाएगा।
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इस कविता के माध्यम से समय की ताकत, नीयत का खेल और मेहनत का फ़ल किस तरह का होता है यह बातें कुछ उर्दू शब्द का इस्तेमाल कर के बताई गई हैं। अगर साफ हो, अपने कर्म के प्रति मेहनत और वक़्त अच्छा हो तो इंसान सफल होता है मगर उसे अपनी कमाई हुई दौलत पर घमंड नहीं करना चाहिए।