मैं कभी शादी नहीं करूँगा ABHISHEK KUMAR GUPTA
मैं कभी शादी नहीं करूँगा
ABHISHEK KUMAR GUPTAपतियों के हालात देखकर
मैं थोड़ा घबराता हूँ,
एक प्रतिज्ञा ली भीष्म ने
दूजी आज मैं लेता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।
शादी का वो मीठा लड्डू
खाने को ललचाता हूँ,
पर पतियों की हालत देख
मैं पीछे हट जाता हूँ,
इन्हें समझने की कोशिश में
खुद को भूल मैं जाता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।
बड़े-बड़े से शूरवीर भी
भीगी बिल्ली बन जाते,
पत्नी की सेवा में लगकर
पत्नीव्रता वो कहलाते,
उनकी ऐसी सेवा देख
मैं पीछे हट जाता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।
रोज-रोज की तू-तू मैं-मैं
पति को सहना पड़ता है,
पत्नी के तानों को भी
हँस करके सुनना पड़ता है,
पत्नी के बेलन की मार
सोचकर मैं डर जाता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।
कौन सी बात पर होगा दंगल
पति समझ नहीं पाता है,
बीवी को बस खुश करने में
सारी उमर गँवाता है,
वाक् युद्ध की बात सोचकर
मैं ठंडा पड़ जाता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।
जिसने शादी नहीं किया
वो सीएम की कुर्सी पाया,
रास ना आई जिसको बीवी
वो पीएम बनकर आया,
सीएम और पीएम बनने का
मैं भी ख्वाब सजाता हूँ,
मैं कभी शादी नही करूँगा
यही कसम मैं खाता हूँ।