जीवन पथ  SUBRATA SENGUPTA

जीवन पथ

SUBRATA SENGUPTA

जीवन का पथ नदी की तरह,
टेढ़ी-मेढ़ी तंग और कहीं विस्तृत राह,
कहीं उथला, कहीं गहरा,
कहीं विपुल जलराशि, कहीं छीण जलधारा,
कहीं पंकयुक्त वारी, कहीं निर्मल वारिधारा।
जीवन का पथ नदी की तरह,
टेढ़ी-मेढ़ी तंग और कहीं विस्तृत राह।
 

धूप और छाँव का है किनारा,
कहीं सघन और कहीं विरल बसेरा,
कहीं विस्तृत रेतों की भूमि,
कहीं निर्दयी प्रस्तर अभिमानी,
कहीं सुगन्धित पुष्पवाटिका,
कहीं हर्षोल्लास से भरी अट्टलिका,
कहीं फलों से लदा बगीचा,
कहीं हरियाली से खेत रचा।
 

कहीं विस्तृत सघन वन,
कहीं विषाद भरा महा शमशान।
जीवन का पथ नदी की तरह,
टेढ़ी-मेढ़ी तंग और कहीं विस्तृत राह।
 

जीवन के पथ में हैं जितने रंग,
नदी के दोनों पाटें हैं उनके अंग,
इसलिए है जीवन पथ नदी की तरह,
टेढ़ी-मेढ़ी तंग और कहीं विस्तृत राह।

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