हिन्दुस्तान नाम है मेरा VIKAS UPAMANYU
हिन्दुस्तान नाम है मेरा
VIKAS UPAMANYUमैं हूँ, मैं था, मैं रहूँगा शाश्वत,
निस्तेज नहीं है अस्तित्व मेरा,
तीव्र ज्वाला भड़की है अब मेरे मन में,
परम शक्तिमान हूँ तू याद रख,
हिन्दुस्तान नाम है मेरा।
मत छेड़ तू मुझको,
दिल में लगा रखी है आग,
मन की आग तन में लगा दूँ,
तेरी आग से तुझको जला दूँ,
मत छेड़ तू मुझको,
छिपी है ज्वाला मुझमें अपार।
क्यों मैं झुकूँ,
क्यों मैं जोड़ूँ हाथ,
नहीं झुकेगा मस्तक मेरा
चाहे देना पड़े कोई भी बलिदान।
मन मेरा भी शीतल है,
छिपी है मुझमें शांति अपार,
त्याग, तेज, तप, बल सब है मुझमें
मन से निकलती अब चिंगाढ़।
मान ले तू अब कहना ‘पाकिस्तान’ मेरा,
वरना बिगड़ जाएगा भूगोल तेरा,
इतिहास तेरा क्या है, नहीं बचेगा भौतिक तेरा
जो करना है कर ले अब तू बस याद रख
हिन्दुस्तान नाम है मेरा।