आशिफ़ा-दरिन्दगी की शिकार  VIVEK ROUSHAN

आशिफ़ा-दरिन्दगी की शिकार

VIVEK ROUSHAN

देख कर दरिन्दगी इस दुनिया में
अब आँख भर आती है,
दिल भी रोता है
और आह तक नहीं आती है।
 

सोचो उस माँ पर क्या बीती होगी,
जब खून से लतपत उसकी बच्ची उसके हाँथ में लेटी होगी,
वो बाप भी कितना रोया होगा,
जिसने कभी उसको प्यार से अपने गोद में खिलाया होगा।
 

उस भाई ने भी कैसे खुद को संभाला होगा,
जो कभी अपनी गुड़िया जैसी बहन के साथ खेला होगा,
पुरे घर का मंज़र वीरान होगा,
किसी के आँख में आँसू, तो किसी के आँख में खून होगा।
 

इन सब में उस नन्ही सी बच्ची का
बस इतना कसूर रहा होगा,
की खुदा ने उसको एक नारी बनाया होगा।

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