वो कुछ लम्हें Anil Shukla
वो कुछ लम्हें
Anil Shuklaवो कुछ पल जो बयाँ नहीं किए जा सकते,
कैसे कह दूँ वो लम्हें भुलाये नहीं जा सकते।
तुम्हारे होठों की वो पहली छुअन,
साँसों की वो गरमाहट,
तुम्हरी जुल्फों के वो वेराहे रास्ते
जो शायद तुझ तक नहीं जाते,
उस रास्ते के वो दर्द बयाँ नहीं किए जा सकते,
कैसे कह दूँ वो लम्हें भुलाये नहीं जा सकते।
आज यादों ने मुझसे मिलने की कोशिश की है,
उन यादों में थोड़ी धुँधलाहट सी है,
तुमको न पाने की बेबसी भी है,
यादों की स्याही समय के पन्नों पर
बड़ी लाचार सी लगती है,
पन्नों को क्यों मुझमें एकीकार नहीं किया जा सकता,
फिर कैसे कह दूँ कि उन लम्हों को भुलाया नहीं जा सकता।