युवा हमारे  RAHUL Chaudhary

युवा हमारे

RAHUL Chaudhary

कलरव तन मन में प्रभा का,
ओज लालिमा सूरज की भरकर,
नई सुबह नव विहान के पथ पर,
किरण सुनहरा नभ में फैला,
देखो हरियाली में उजियाली से
छट गया अंधेरे का मैला।
पथिक दौड़ को पंख पसार कर,
अवधि का अनुयायी ये तो,
सदैव आसमां छूने को तत्पर।
 

भोर होड़ में दिन सा है,
पलकों पर प्रहर का न फिक्र तनिक है,
रात की किरणों से धूप सेक कर,
अंधेरों में तपता जगता थकता,
लक्ष्य साधकर मंज़िल का,
आगे बढ़ता एकाकी डटकर।
माथे की बूंदे कंधे पर,
टपक-लपक के आते कर पर,
थक कर ठंडी राहत देते,
छोड़ रास्ता पावों में पड़कर।
 

निस दिन कंधे पर भारी भरकम,
प्रण जन हित कल्याण का धारे,
तत्पर हर पल सेवा में हरदम,
युवा हमारे पंख पसारे।

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