जब तुमको देखा करता था Anil Shukla
जब तुमको देखा करता था
Anil Shuklaबंद आँखों से तुमको देखा था,
आज नहीं वो कल था,
वो मेरा बीता कल था,
हर बीते कल में तुझको खोजा करता था,
जब तुमको देखा करता था।
उन स्याह काली रातों में,
चहुँओर चाँदनी रातों में,
दिल की गहरी आमक में,
तुमको खोज करता था,
जब तुमको देखा करता था।
वो बंद खिड़की
खुले आसमान को दिखाती थी,
मेरे सपनों पर चलते हुए
मेरी नींद दौड़ा करती थी,
तुम्हारी सागर जैसी आँखों में
साहिल बन दौड़ा करता था,
जब तुमको देखा करता था।