अर्श से फर्श तक  Anirudh Naqib

अर्श से फर्श तक

Anirudh Naqib

मत करो तुम घमंड इतना
कि तुम अर्श पर हो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
 

मत करो तुम घमंड इतना
कि दुनिया छोटी लगने लगे,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
 

मत करो तुम घमंड इतना
कि दूसरों का दर्द दिखाई न दे,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
 

मत करो तुम घमंड इतना
कि भीड़ में भी अकेले हो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
 

मत करो तुम घमंड इतना
कि किसी की दुआ भी न मिले,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
 

करो कुछ ऐसा अपने जीवन में
कि मरने के बाद भी सदा याद रहो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।

अपने विचार साझा करें




1
ने पसंद किया
1223
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com