अर्श से फर्श तक Anirudh Naqib
अर्श से फर्श तक
Anirudh Naqibमत करो तुम घमंड इतना
कि तुम अर्श पर हो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
मत करो तुम घमंड इतना
कि दुनिया छोटी लगने लगे,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
मत करो तुम घमंड इतना
कि दूसरों का दर्द दिखाई न दे,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
मत करो तुम घमंड इतना
कि भीड़ में भी अकेले हो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
मत करो तुम घमंड इतना
कि किसी की दुआ भी न मिले,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।
करो कुछ ऐसा अपने जीवन में
कि मरने के बाद भी सदा याद रहो,
पलभर लगता है
फर्श पर आने को।