दीपावली Anupama Ravindra Singh Thakur
दीपावली
Anupama Ravindra Singh Thakurदीपावली का यह पर्व
है बहुत ही खास,
14 वर्ष का वनवास
पूर्ण कर लौटे थे श्री राम
अयोध्या अपने निवास।
इसी दिन श्री कृष्ण ने
नरकासुर का वध कर
जीता था
जनता का विश्वास,
इसी दिन महावीर स्वामी ने
लेकर निर्वाण
समाप्त किया था
अपना जीवन प्रवास।
इसी दिन 1577 में
अमृतसर में हुआ
स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास,
धनतेरस से प्रारंभ होता है
दीपावली का यह उल्लास।
धन्वंतरि की पूजा कर
प्राप्त किया जाता है स्वर्ण का प्रभास,
नरक चतुर्दशी के बाद आता है
भाई दूज का पर्व खास।
लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए
किया जाता है घर का विन्यास,
दीपों को जलाकर किया जाता है
प्रकाश आसपास।
अमावस्या की तिथि और
होता है कार्तिक मास,
धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी
महालक्ष्मी का निवास।
इस दिन रखा जाता है
महालक्ष्मी का उपवास,
होती खूब आतिशबाजी
और मिठाइयों की मिठास।
महालक्ष्मी आशीष देने
आती हैं उनके पास,
जहाँ होती है साफ-सफाई
और सजावट खास।
लक्ष्मी के आने का
होता है आहसास,
सत्य की होती है जीत
झूठ का हमेशा नाश,
दीपावली का यह पर्व जगाता है
हम सब में यह विश्वास।