माँ Anupama Ravindra Singh Thakur
माँ
Anupama Ravindra Singh Thakurसभी रिश्तों की बुनियाद है माँ,
सभी भावनाओं का मिलन स्थल है माँ,
भगवत गीता का उपदेश है माँ,
बाइबल का प्रवचन है माँ।
कुरान की आयतें है माँ।
विश्व का सबसे पवित्र ग्रंथ है माँ,
सभी रिश्ते की बुनियाद है माँ,
सागर की गहराई है माँ,
आसमान की ऊंचाई है माँ।
सृष्टि का गूढ़ रहस्य है माँ,
सभी रिश्तों की बुनियाद है माँ,
सूर्य का प्रकाश है माँ,
चंद्रमा की शीतलता है माँ।
शिवाजी की शूरता है माँ,
राम की मर्यादा है माँ,
विपत्ति में धैर्य है माँ,
सभी रिश्ते की बुनियाद है माँ।
पथिक के लिए शीतल छाया है माँ,
अनाथ बालक की सिसकियाँ है माँ,
हर रोते बालक की लोरी है माँ,
दया और करुणा का पर्याय है माँ।
दुष्टों का संहार है माँ,
पराजित के लिए आश्रय स्थल है माँ,
निर्बल के लिए बल है माँ,
सभी रिश्तों की बुनियाद है माँ।