झूठा सच SANDEEP MENGHANI
झूठा सच
SANDEEP MENGHANIसच बोलने का इतना गुमान न कर ऐ मेरे यार,
यह तो झूठ है जिसने दुनिया में रौनक लगा रखी है।
न दिखाई देता है, ना आवाज़ ही आती है उसकी,
खुदा है शायद कहीं पे, इस बात ने दुनिया चला रखी है।
चाँद तारे तोड़ने के दावे, हमेशा साथ रहने के अहद,
झूठ ही सही, ऐसे बातों ने ही आशिकी बचा रखी है।
वक़्त और ज़रुरत के साथ बदलता रहता है ये सच भी,
झूठ की मेहरबानी ने सच की बेवजह क़ीमत बढ़ा रखी है।