कैसे अपना मिलन हो? VIKAS UPAMANYU
कैसे अपना मिलन हो?
VIKAS UPAMANYUवो अग्नि हवन कुण्ड सी,
मैं शीतल नीर दरिया सा,
कैसे अपना मिलन हो?
वो काली घटा अम्बर सी,
मैं श्वेत हिम-सागर सा,
कैसे अपना मिलन हो?
वो महकती कलि गुलाब सी,
मैं नशा भांग-धतूरे सा,
कैसे अपना मिलन हो?
वो ढलती रात चाँद सी,
मैं उगता सवेरा सूरज सा,
कैसे अपना मिलन हो?